IMA कानपुर ने Fortis Memorial Research Institute, गुरुग्राम के सहयोग से CME कार्यक्रम का आयोजन किया।
31 Aug 2025, Kanpur – इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) कानपुर शाखा ने फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट, गुरुग्राम के सहयोग से जितेन्द्र कुमार लोहिया सभागार, टेम्पल ऑफ सर्विस, कानपुर में एक वैज्ञानिक सीएमई (CME) कार्यक्रम का सफल आयोजन किया।
इस अवसर पर प्रसिद्ध विशेषज्ञ चिकित्सकों ने गुर्दा (किडनी) रोगों से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने विचार एवं नवीनतम जानकारी साझा की।
इस वैज्ञानिक सीएमई कार्यक्रम का समन्वयन आईएमए सचिव डॉ. विकास मिश्रा द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के चेयरपर्सन वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. डी.के. सिन्हा एवं डॉ. समीर गोयल थे।
कार्यक्रम के मुख्य विषय इस प्रकार रहे:
1. क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) मरीजों के जीवन की गुणवत्ता कैसे बेहतर करें
वक्ता: डॉ. हिमांशु वर्मा (डायरेक्टर – वैस्कुलर एवं एंडोवास्कुलर सर्जरी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट, गुरुग्राम)
2. किडनी रोगों की रोकथाम (Preventing Kidney Disease)
वक्ता: डॉ. सलील जैन (सीनियर डायरेक्टर एवं विभागाध्यक्ष – नेफ्रोलॉजी व रीनल ट्रांसप्लांट, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट, गुरुग्राम)l
आज की सीएमई में वक्ताओं ने बताया कि :
डॉ. सलील जैन, सीनियर डायरेक्टर एवं एचओडी, नेफ्रोलॉजी एवं रीनल ट्रांसप्लांट: “किडनी रोग से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका है रोकथाम। जीवनशैली में बदलाव, नियमित जांच और समय पर हस्तक्षेप से भारत में रोग का बोझ काफी कम किया जा सकता है।”
डॉ. प्रदीप बंसल, डायरेक्टर, यूरोलॉजी: “किडनी ट्रांसप्लांट में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिससे मरीजों को नई आशा और लंबी आयु मिल रही है। हमारा एकीकृत दृष्टिकोण केवल क्लिनिकल उत्कृष्टता ही नहीं, बल्कि मरीज-केंद्रित देखभाल भी सुनिश्चित करता है।”
डॉ. हिमांशु वर्मा, डायरेक्टर, वैस्कुलर सर्जरी: “क्रॉनिक किडनी डिजीज एक साइलेंट कंडीशन है, जो जीवन की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करती है। जागरूकता और बहु-विषयक देखभाल के माध्यम से हम मरीजों को स्वस्थ और लंबा जीवन जीने में मदद कर सकते हैं।”
इस अवसर पर आईएमए कानपुर शाखा की अध्यक्ष डॉ. नंदिनी रस्तोगी एवं सचिव डॉ. विकास मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत किया तथा सभी चिकित्सकों एवं सदस्यों से सक्रिय सहभागिता हेतु आभार व्यक्त किया।



